जो तू सोच सकता है, वह तू कर सकता है।
Category : POEM Author : priya arya Date : Tue Dec 12 2017 Views : 18
मुश्किलें जिंदगी में आऐंगी बहुत,
छोटी छोटी बातें भी सतायेंगी बहुत।
पर मानव है तू हौंसलों से बना,
बस हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
बचपन होता है बहुत सुहाना,
हर बात की खुशी , हर बात का बहाना।
सपनें लगते हैं पूरे होंगे सभी,
बस इसी धुन मे गुजरता है वो मासूम जमाना।
पर आज वही सपने बहुत लगते है दूर,
देखते देखते फीका पड़ जाता है आँखो का नूर।
हर कोई एक दौड़ मे भागता आता है नजर,
बस तू हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
कोसों दूर कभी नजर आती है मंजिल,
कभी चुपके से सपनो मे पास आकर सो जाती है मंजिल।
कभी लगता है कि बस दो कदम का है ये फासला,
कभी दूर से हमें देख इतराती है मंजिल।
तुझे रास्ते में भटकाने वाले मिलेंगे बहुत,
बस तू हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
हो खुद पर विश्वास तो पा लेंगे जहां,
जो टूट गये रास्ते मे तो बिखरेंगे वहाँ।
जहाँ तूझे नीचा दिखाने वाले होंगे बहुत,
बस तू हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
मत नाप तू कभी रास्ते की लम्बाई,
बस नजर में रख सफलता की ऊचाँई।
रख खुद पर संयम और जगा आत्मा को,
मत देख दूसरो को नाप अपनी गहराई।
पहचान अपने आप को क्या बना है तेरे लिये,
जो तेरा है तैयार हो उसे लेने के लिये।
आशा निराशा को छोड़ पीछे,
कमर कस तू अपनी तू खुद से लड़ने के लिये।
अच्छाई बुराई सब तुझमे बसती है,
सफलता असफलता सब तुझसे बनती है।
नकारात्मक विचारो को तू रख अपने से दूर,
बस तू हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
बार बार असफलता सताती है बहुत,
पर सत्य भी है कि असफलता सिखाती है बहुत।
हर बार असफलता तेरे लिये नये रास्ते खोलेगी,
तेरी हर कमी को तेरे सामने टटोलेगी।
हारने की बजाये कर इन कमियों को दूर।
बस हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
मत रूक तू रास्ते मे, मत भटक तू कहीं,
एक बार पा ले मंजिल रख यही यकीन।
जो लोग तेरी नाकामयाबी पर हसँते है आज,
उनको दिखादे आज तू किसी से कम नहीं।
चींटी चढ़ती है गिरती है पर नही हारती हिम्मत,
पत्ते झड़ते है पतझड़ में पर जब आता है बसंत,
वही फिर से लहलहाते आते हैं नजर।
रख व्यवहार तू अपना बहते नीर की तरह,
बना रास्ते तू अपने अचूक तीर की तरह,
भेद दे मंजिल को अपनी मेहनत के तीर से,
फिर मुस्करा असफलता पर एक वीर की तरह।
चलेगा जब मेहनत की डगर में
खुलेंगे कई रास्ते तेरे सफर में,
डर जायेगा जो तू मेहनत की शुरूआत से,
जिंदगी भर झूठ बोलना पड़ेगा फिर अपने आप से।
बन काबिल तू इतना सफलता तरसे तुझे पाने के लिये,
कर कुछ एेसा कि बन सफलता का लक्ष्य,
जो सोच है तेरी वह तू कर ही जायेगा,
रख इरादे तू अडिग जल्द ही सफल कहलायेगा।
रख एक लक्ष्य अरजुन के तीर की तरह,
कर अभ्यास तू एकलव्य वीर की तरह,
सफलता होगी तेरे सर पर एक ताज की तरह,
बस हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
मुश्किलें जिंदगी में आऐंगी बहुत,
छोटी छोटी बातें भी सतायेंगी बहुत।
पर मानव है तू हौंसलों से बना,
बस हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
बचपन होता है बहुत सुहाना,
हर बात की खुशी , हर बात का बहाना।
सपनें लगते हैं पूरे होंगे सभी,
बस इसी धुन मे गुजरता है वो मासूम जमाना।
पर आज वही सपने बहुत लगते है दूर,
देखते देखते फीका पड़ जाता है आँखो का नूर।
हर कोई एक दौड़ मे भागता आता है नजर,
बस तू हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
कोसों दूर कभी नजर आती है मंजिल,
कभी चुपके से सपनो मे पास आकर सो जाती है मंजिल।
कभी लगता है कि बस दो कदम का है ये फासला,
कभी दूर से हमें देख इतराती है मंजिल।
तुझे रास्ते में भटकाने वाले मिलेंगे बहुत,
बस तू हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
हो खुद पर विश्वास तो पा लेंगे जहां,
जो टूट गये रास्ते मे तो बिखरेंगे वहाँ।
जहाँ तूझे नीचा दिखाने वाले होंगे बहुत,
बस तू हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
मत नाप तू कभी रास्ते की लम्बाई,
बस नजर में रख सफलता की ऊचाँई।
रख खुद पर संयम और जगा आत्मा को,
मत देख दूसरो को नाप अपनी गहराई।
पहचान अपने आप को क्या बना है तेरे लिये,
जो तेरा है तैयार हो उसे लेने के लिये।
आशा निराशा को छोड़ पीछे,
कमर कस तू अपनी तू खुद से लड़ने के लिये।
अच्छाई बुराई सब तुझमे बसती है,
सफलता असफलता सब तुझसे बनती है।
नकारात्मक विचारो को तू रख अपने से दूर,
बस तू हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
बार बार असफलता सताती है बहुत,
पर सत्य भी है कि असफलता सिखाती है बहुत।
हर बार असफलता तेरे लिये नये रास्ते खोलेगी,
तेरी हर कमी को तेरे सामने टटोलेगी।
हारने की बजाये कर इन कमियों को दूर।
बस हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
मत रूक तू रास्ते मे, मत भटक तू कहीं,
एक बार पा ले मंजिल रख यही यकीन।
जो लोग तेरी नाकामयाबी पर हसँते है आज,
उनको दिखादे आज तू किसी से कम नहीं।
चींटी चढ़ती है गिरती है पर नही हारती हिम्मत,
पत्ते झड़ते है पतझड़ में पर जब आता है बसंत,
वही फिर से लहलहाते आते हैं नजर।
रख व्यवहार तू अपना बहते नीर की तरह,
बना रास्ते तू अपने अचूक तीर की तरह,
भेद दे मंजिल को अपनी मेहनत के तीर से,
फिर मुस्करा असफलता पर एक वीर की तरह।
चलेगा जब मेहनत की डगर में
खुलेंगे कई रास्ते तेरे सफर में,
डर जायेगा जो तू मेहनत की शुरूआत से,
जिंदगी भर झूठ बोलना पड़ेगा फिर अपने आप से।
बन काबिल तू इतना सफलता तरसे तुझे पाने के लिये,
कर कुछ एेसा कि बन सफलता का लक्ष्य,
जो सोच है तेरी वह तू कर ही जायेगा,
रख इरादे तू अडिग जल्द ही सफल कहलायेगा।
रख एक लक्ष्य अरजुन के तीर की तरह,
कर अभ्यास तू एकलव्य वीर की तरह,
सफलता होगी तेरे सर पर एक ताज की तरह,
बस हिम्मत ना छोड़, हिम्मत ना छोड़।
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